Monday, May 13, 2019

कृषि वैज्ञानिक (Agricultural Scientist) कैसे बने ?

कृषि वैज्ञानिक (Agricultural Scientist) कैसे बने

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Agricultural Scientist कैसे बने ?


भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहाँ पर अधिकांश लोग कृषि का कार्य करके अपना जीवन यापन करते है, इसके साथ ही भारत में बेरोजगारी एक प्रमुख समस्या है, जिससे वर्तमान समय में लगभग युवा वर्ग का ध्यान कृषि के प्रति आकर्षित हुआ है, सरकार भी युवाओं को कृषि में सहायता प्रदान करती है, यदि आप ग्रामीण परिवेश को अच्छे से समझते है, तो आप कृषि वैज्ञानिक के रूप में भारतीय कृषकों की सहायता कर सकते है, और इसे एक अच्छे करियर के रूप में चुन सकते है, इस पेज पर कृषि वैज्ञानिक (Agricultural Scientist) बनने के विषय विस्तार से जानकारी प्रदान की जा रही है |

 कृषि वैज्ञानिक बनने के लिए आवश्यक योग्यता

कृषि वैज्ञानिक बनने के लिए आपको बारवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, इसके पश्चात् आप B.Sc. एग्रीकल्चर  या फिर B.Sc. एग्रीकल्चर (Honors) में प्रवेश ले सकते है, इसमें आप एग्रीकल्चर, वेटनेरी साइंस, एग्रीकल्चरल  इंजीनियरिंग, फॉरेस्ट्री, हॉर्टिकल्चर, फ़ूड साइंस और होम साइंस में से किसी भी एक विषय में ले सकते हैं | सफलता पूर्वक डिग्री पूरी करने के बाद इसी क्षेत्र में परस्नातक कोर्स में प्रवेश ले सकते है, परास्नातक के बाद आप पी.एच.डी भी कर सकते है, पी.एच.डी के बाद आपके पास कृषि वैज्ञानिक बनने के लिए किसी अनुसन्धान केंद्र से जुड़ सकते है |
कृषि वैज्ञानिक बनने की प्रक्रिया
यदि आपको एक कृषि वैज्ञानिक बनना चाहते है, तो आप इसके लिए हाईस्कूल से ही तैयारी आरंभ कर दे, आपको हाई स्कूल में कृषि विज्ञान विषय लेना चाहिए, इसके बाद आप इंटरमीडियट कृषि विज्ञान से करे और अच्छे अंक प्राप्त करने का प्रयास करे | इंटर में अच्छे अंक प्राप्त करनें के बाद आप अपने नजदीकी कृषि विश्व विद्यालय में प्रवेश ले सकते है, इसके लिए आपको प्रवेश परीक्षा भी देनी पड़ सकती है, प्रवेश होने के पश्चात आप उन्हीं विषयों का चयन करे, जिसमे आपको अधिक रूचि हो इसको सफलता पूर्वक करने के बाद आप उस विषय में स्नातक हो जायेंगे |
स्नातक करने के उपरांत आप परास्नातक में प्रवेश ले, यहां आप उसी विषय का चयन करे जिसमे आपको सबसे अधिक रूचि हो, इसको उत्तीर्ण होने में आपको दो वर्ष का समय लग जायेगा, इस परीक्षा में आपको 55 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है, अन्यथा आप आगे की पढ़ाई में भाग नहीं ले पाएंगे |
परास्नातक में 55 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद आप नेट की परीक्षा के लिए आवदेन कर सकते है, इसके साथ ही आप अलग-अलग यूनिवर्सिटी के द्वारा पीएचडी कोर्स का संचालन किया जाता है, जिसमे आप आवेदन कर सकते है |
पीएचडी में प्रवेश के लिए आपको प्रवेश परीक्षा में भाग लेना होगा, यदि आपके अच्छे अंक आते है, तो आपको पीएचडी के लिए प्रवेश दिया जायेगा अन्यथा नहीं, क्योकिं इसके सीटें अत्यधिक कम होती है |
पीएचडी में प्रवेश के उपरांत आपको किसी प्रोफेशर के अंतर्गत कर दिया जायेगा, आपको उन्हीं के देख-रेख में रिसर्च करना होगा, रिसर्च सफल होने के बाद आपको एक अनुसन्धान लेख को प्रकाशित करवाना होगा, जिसकी जाँच कई वैज्ञानिकों द्वारा की जाएगी, यदि आप इनके परिक्षण में सफल होते है, तो आपको विश्व विद्यालय द्वारा पीएचडी की उपादि प्रदान की जाएगी |
पीएचडी की उपादि प्राप्त करने के उपरांत भारतीय अनुसन्धान केंद्र द्वारा निकाली गयी सहायक वैज्ञानिकों के पद हेतु आवेदन कर सकते है, यदि आपका चयन हो जाता है, और आप अच्छा कार्य करते है, तो सरकार द्वारा कुछ वर्षो में आपको प्रोन्नति करके एक कृषि वैज्ञानिक का पद प्रदान कर दिया जायेगा |
प्रमुख कोर्स
  • B.Sc. एग्रीकल्चर
  • B.Sc. क्रॉप  फिजियोलॉजी
  • M.Sc. एग्रीकल्चर
  • M.Sc. (एग्रीकल्चर  बॉटनी/बायोलॉजिकल साइंसेज )
  • MBA इन  अग्रि-बिज़नेस  मैनेजमेंट
  • डिप्लोमा  इन  फ़ूड  प्रोसेसिंग
  • डिप्लोमा  कोर्स  इन  एग्रीकल्चर  &  अलाइड  प्रैक्टिसेज

सर्टिफिकेट  कोर्सेज  इन  एग्रीकल्चर  (एक वर्षीय)

  • सर्टिफिकेट इन एग्रीकल्चर साइंस
  • सर्टिफिकेट कोर्सेज इन फ़ूड एंड बेवरीज सर्विस
  • सर्टिफिकेट कोर्स इन बायो-फ़र्टिलाइज़र प्रोडक्शन
डिप्लोमा  कोर्सेज  इन  एग्रीकल्चर (2 वर्षीय)
  • डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर
  • डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एंड अलाइड प्रैक्टिसेज
  • डिप्लोमा इन फ़ूड प्रोसेसिंग

बैचलर  कोर्सेज  इन  एग्रीकल्चर  (3 Years)

  • बैचलर ऑफ़ साइंस इन एग्रीकल्चर
  • बैचलर ऑफ़ साइंस (Honors) इन एग्रीकल्चर
  • बैचलर ऑफ़ साइंस इन क्रॉप फिजियोलॉजी

मास्टर  कोर्सेज  इन  एग्रीकल्चर  (2 Years)

  • मास्टर ऑफ़ साइंस इन एग्रीकल्चर
  • मास्टर ऑफ़ साइंस इन बायोलॉजिकल साइंसेज
  • मास्टर ऑफ़ साइंस इन एग्रीकल्चर बॉटनी

डाक्टरल  कोर्सेज  इन  एग्रीकल्चर  (3 Years)

  • डॉक्टर ऑफ़ फिलोसॉफी इन एग्रीकल्चर
  • डॉक्टर ऑफ़ फिलोसॉफी इन एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी
  • डॉक्टर ऑफ़ फिलोसॉफी इन एग्रीकल्चरल एंटोमोलॉजी

कृषि विश्वविद्यालय

  • आचार्य एन.जी. रंगा कृषि विश्वविद्यालय, (ए.एन.जी.आर.ए.यू.), हैदराबाद, आंध्र प्रदेश
  • कृषि विश्वविद्यालय, उदयपुर
  • आणन्द, कृषि विश्वविद्यालय, आणन्द, गुजरात
  • असम कृषि विश्वविद्यालय (ए.ए.यू.), जोरहाट, असम-785013
  • विधान चन्द्र कृषि विश्वविद्यालय (बी.सी.के.वी.वी.), पश्चिम बंगाल
  • बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बी.ए.यू.) रांची, झारखंड
  • केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सी.ए.यू.), इम्फाल, मणिपुर
  • केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई
  • डॉ. पंजाब राव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय (पी.के.वी.), अकोला, महाराष्ट्र
  • डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी (आई.एस.पी.यू.एच. एंड ई.), हिमाचल प्रदेश
  • गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जी.वी.पी.ए.यू. एवं टी) पंतनगर, उत्तर प्रदेश
  • गुजरात कृषि विश्वविद्यालय, सरदार कृषि नगर दांतीबाड़ा (बनासकांठा)
  • भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली
  • भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर
  • इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (आई.जी.के.वी.वी.), कृषकनगर, रायपुर
यहाँ पर हमनें आपको कृषि वैज्ञानिक (Agricultural Scientist) के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |

Tuesday, May 7, 2019

प्रोफेशनल फोटोग्राफर कैसे बने



प्रोफेशनल फोटोग्राफर कैसे बने


प्रोफेशनल फोटोग्राफर में करियर कैसे बनाये 

                   
                 
                           
वर्तमान समय में लगभग सभी वर्ग के लोगो में सेल्फी का क्रेज बढ़ता जा रहा हैं, जिस कारण लोगो का फोटो के प्रति आकर्षण अधिक हुआ है | फोटो क्वालिटी में प्रतिदिन सुधार हो रहा है, इसलिए नए कैमरों में पिक्सल की संख्या बढ़ायी जा रही है, इस समय हाई लेवल पिक्सल कैमरे की जानकारी रखने वाले प्रोफेशनल फोटोग्राफर की मांग अधिक है, इसलिए फोटोग्राफी को करियर के रूप में अपना कर अच्छी इनकम प्राप्त किया जा सकता है, इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है |
 शैक्षणिक योग्यता (Eligibility)
इस क्षेत्र में जानेके लिए आपको इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है, इसको डिग्री के रूप में प्राप्त करनें के लिए फाइन आर्ट्स विषय के अंतर्गत एक वैकल्पिक स्नातक उपाधि प्राप्त की जा सकती हैं | कुछ कॉलेज इसे तीन वर्षीय स्नातक के रूप में करवाते है, और कुछ इसे पार्ट टाइम करवाते हैं |

विशेष योग्यता

इस क्षेत्र में व्यक्ति को प्रत्येक क्षण होने वाली घटनाओं में क्या विशेष हैं, इसको खोजना आना चाहिए | व्यक्ति में कलात्मक, पारखी नज़र व टेक्निकल नॉलेज का होना भी ज़रूरी है | एक सफल फोटोग्राफर बननें के लिए कड़ी मेहनत और संयम ज़रूरी है | व्यक्ति में एक ही समय में क्लाइंट, एडवर्टाइज़र, पब्लिशिंग एजेंसी और डिज़ाइनर के साथ आसानी से डील करना आना चाहिए |

फोटोग्राफर के क्षेत्र

फोटोग्राफर के क्षेत्र इस प्रकार हैं |

फोटो जर्नलिस्ट

यदि आपको साहसिक कार्य पसंद हैं और कार्य को करनें के लिए समय की परवाह नहीं करतें हैं, तो इस क्षेत्र में आप बिलकुल ही उपयुक्त हैं | फोटो जर्नलिस्ट को प्रेस में रोज़ाना होनें वाली घटनाओं और न्यूज़ से संबंधित फोटोग्राफ्स देने होते है |

फीचर फोटोग्राफर्स

फीचर फोटोग्राफर्स को फोटोग्राफ्स के माध्यम से कहानी को समझाना होता है, इसमे करियर बनाने के लिए आपको अपने विषय की गहरी जानकारी होनी चाहिए |

फैशन व एडवर्टाइज़िंग फोटोग्राफी

फैशन व एडवर्टाइज़िंग फोटोग्राफी के अंतर्गत फोटोग्राफर्स को फैशन हाउस, डिज़ाइनर्स या मॉडल्स के साथ काम करना होता है, इसकें लिए लेटेस्ट फैशन, ट्रेंड की जानकारी होनी आवश्यक हैं |

इवेंट फोटोग्राफी

इसमें फोटोग्राफर को शादी, स्पोर्ट्स, फैमिली फंक्शन में फोटोग्राफी करते हुए अच्छी इनकम के साथ इवेंट एन्जॉय करने का भी अवसर प्राप्त होता है |

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर्स

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर्स के अंतर्गत व्यक्ति को प्रकृति और वन्य जीवो के बीच में रहकर फोटोग्राफी करनी होती हैं, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी एक रोमांचक करियर ऑप्शन है |

प्रमुख संस्थान

  • जामिया मिलिया इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर, नई दिल्ली
  • फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट (एफटीआई) पुणे
  • एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविज़न, दिल्ली
  • जे.जे. स्कूल ऑफ अप्लाइड आर्ट, मुंबई
  • सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज, मुंबई
  • फरग्युसन कॉलेज, पुणे
सैलरी (Salary)
फोटोग्राफी के क्षेत्र में आप स्वयं का स्टूडियो खोल सकते हैं या किसी प्रोफेशनल फोटोग्राफर के साथ असिस्टेंट के रूप में कार्य कर सकते है |फ्रेशर के रूप में आपकी इनकम 5000 से 8000 रुपये के मध्य हो सकती है,  यदि आप स्वयं का स्टूडियो खोल रहें है, तो आप 100,000 से 500,000 रु० इन्वेस्ट कर के 20000 से 35000 रु० प्रति माह प्राप्त कर सकते है |

Friday, April 19, 2019

कॉलेज में लेक्चरर (Lecturer) कैसे बने ?


कॉलेज में लेक्चरर (Lecturer) कैसे बने


कॉलेज में लेक्चरर बननें के लिए क्या करे  

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एक शिक्षक ही देश का भविष्य निर्माण करता है, इसलिए भारत में शिक्षक का पद बहुत ही सम्मानजनक माना जाता है, एक अच्छा शिक्षक बनने के लिए व्यक्ति के अंदर व्यक्तिगत गुण होने चाहिए, इन व्यक्तिगत गुण को अच्छे प्रशिक्षण के द्वारा विकसित किया जाता है, भारत सरकार शिक्षा व्यवस्था में बेसिक स्तर से कॉलेज स्तर तक बदलाव कर रही है, इसी परिवर्तन के द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का पुनर्गठन किया जा रहा है , इस पेज पर आपको कॉलेज में लेक्चरर बनने के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की जा रही है |
प्रमोशन के अवसर
कॉलेज प्रोफेसर एक प्रोन्नति प्राप्त करने वाला पद है, इस पद पर सीधे चयन नहीं किया जा सकता है, इसके लिए आपके पास पीएचडी डिग्री तथा आवश्यक अनुभव होना अनिवार्य है, यदि आप प्रोफेशर बनाना चाहते है, तो आपको इस क्षेत्र में लेक्चरार के रूप में अपने करियर की शुरुआत करनी होती है, इसके पश्चात आपका प्रोमोशन अनुभव, प्रदर्शन और वरिष्ठता के आधार पर आपको पहले असिस्टेंट प्रोफेसर और बाद में प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति प्रदान की जाती है |

कॉलेज प्रोफेसर

1 .शैक्षिक योग्यता

पीएचडी डिग्री तथा प्रतिष्ठित जर्नलों में शोध पत्रों का प्रकाशन |

2 .वेतन

एक कॉलेज प्रोफेसर के रूप में 37,400- 67,000 रुपये प्राप्त होता है |

कार्य अनुभव

किसी कॉलेज/ यूनिवर्सिटी में न्यूनतम 10 वर्ष तक पढ़ाने का अनुभव |

असिस्टेंट प्रोफेसर

1 .शैक्षिक योग्यता 

पीएचडी डिग्री तथा 55 प्रतिशत अंकों सहित परस्नातक उत्तीर्ण |

2 .वेतन 

असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में 15,600- 39,100 ग्रेड पे प्राप्त होता है |

कार्य अनुभव 

कॉलेज/ यूनिवर्सिटी स्तर पर न्यूनतम 8 वर्ष का शिक्षण अनुभव या रिसर्च का अनुभव |

लेक्चरार/ जूनियर फैलो रिसर्चर

शैक्षिक योग्यता 

लेक्चरार/ जूनियर फैलो रिसर्चर बनने के लिए यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है |

कॉलेज टीचर बनने का मार्ग

यदि आप कॉलेज टीचर बनना चाहते है, तो आपको 12वीं की परीक्षा के समय ही निर्णय लेना चाहिए, जिससे आप इस दिशा में सही तैयारी कर सके |

स्कूल स्तर पर

कॉलेज में जो भी विषय के आप प्रोफ़ेसर बनना चाहते हो, उसी के अनुरूप आपको इंटरमीडिएट में विषय का चुनाव करना चाहिए, उस विषय के बेसिक कंसेप्ट क्लियर करने का अधिक से अधिक प्रयास करे, जिससे स्नातक में आपको लाभ मिलेगा |

स्नातक स्तर पर

स्नातक में आपको वही विषय लेने चाहिए, जो विषय आपके इंटरमीडिएट में पहले से हो, जिससे आपको विषय की गहन जानकारी हो जाएगी और परास्नातक में आपको बहुत ही लाभ होगा, उन विषयों पर पकड़ आपकी इंटरमीडिएट से ही होने के कारण आपको स्नातक में अच्छे अंक प्राप्त होंगे, यह अंक आपको कॉलेज प्रोफेसर के रूप में स्क्रीनिंग प्रोसेस में अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे |

परास्नातक स्तर पर

परास्नातक में आपको उसी विषय का चयन करना चाहिए जिस विषय पर आपकी पकड़ सबसे अच्छी हो, क्योंकि यूजीसी नेट परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए आपको परास्नातक में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है, अतः आपका लक्ष्य आपको इससे अधिक अंक प्राप्त करने का होना चाहिए  |

परास्नातक के बाद

परास्नातक उत्तीर्ण करनें  के बाद आपको यूजीसी नेट परीक्षा की तैयारी आरम्भ कर देनी चाहिए, इसके साथ ही आप एमफिल अथवा पीएचडी डिग्री के लिए अपने विषय में रिसर्च करने के लिए आवेदन कर दे, यहाँ पर इस बात का ध्यान रखना होगा की कॉलेज टीचर के रूप में चयनित होने के लिए यूजीसी नेट क्लियर करना अनिवार्य है, परन्तु आप अपने विषय में डॉक्टरेट होना भी अत्यंत लाभदायक होता है, यदि आपका लेक्चरार या असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में चयन हो जाता है, तो आपको प्रोफेसर पद पर प्रमोशन प्राप्त करने के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य है, इसलिए आपको नेट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद  पीएचडी डिग्री करना अति आवश्यक है |
 यूजीसी नेट परीक्षा
यूजीसी नेट का अर्थ है विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट | इस परीक्षा का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है, इस परीक्षा को सफलता पूर्वक उत्तीर्ण करने के बाद सरकारी कॉलेजों में नियुक्ति के लिए यूजीसी के द्वारा स्क्रीनिंग की जाती है, इस परीक्षा का आयोजन वर्ष में दो बार जून तथा दिसंबर में किया जाता है, इसके माध्यम से लेक्चरारशिप तथा जूनियर रिसर्च फैलोशिप हेतु अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग की जाती है |

यूजीसी नेट की योग्यता

यूजीसी नेट की योग्यता इस प्रकार है |

शैक्षिक योग्यता

सामान्य वर्ग तथा ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ परास्नातक परीक्षा उत्तीर्ण तथा एससी/ एसटी अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक होने अनिवार्य है |

आयु

लेक्चरार पद के लिए कोई आयु निर्धारित नहीं की गयी है, परन्तु जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए अभ्यर्थी के लिए आयु 21 से 28 वर्ष के बीच में होनी चाहिए, एससी/ एसटी/ ओबीसी अभ्यर्थियों को आरक्षण के नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है 

Monday, April 15, 2019

न्यायधीश (judge) कैसे बने ?

जज कैसे बने ?

न्यायधीश (judge) कैसे बने ? 

हमारे देश के संविधान में न्याय व्यवस्था को पूरी तरह से स्वतंत्र रखा गया है, जिससे की वह कार्यपालिका द्वारा किये गए गलत कार्यो पर अंकुश लगा सके, इसलिए हमारे यहाँ जज का पद बहुत ही अहम् होता है, उसके एक गलत निर्णय से बहुत लोग प्रभावित हो सकते है, यह पद अत्यंत जिम्मेदारी का पद है, भारत में  सर्वोच्च न्यायलय  के मुख्य न्यायधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती और अन्य न्यायधीशों की नियुक्ति मुख्य न्यायधीश की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, इसी प्रकार सभी राज्यों के उच्च न्यायालयों में मुख्य व अन्य न्यायधीशों की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा की जाती है, और इनकी नियुक्ति के बाद इन्हें केवल महाभियोग के द्वारा ही हटाया जा सकता है, जज कैसे बने ?  इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहे है |
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शैक्षणिक योग्यता
अभ्यर्थी को बारवीं की परीक्षा 45 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है, इसके बाद यूनिवर्सिटी द्वारा प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है, जिसमे सफल होने के बाद आपको बीए एलएलबी में प्रवेश मिल जायेगा जिसकी अवधि पांच वर्ष है, इसके साथ-साथ आप स्नातक की परीक्षा 45 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण करके एलएलबी के तीन वर्षीय कार्यक्रम में प्रवेश प्राप्त कर सकते है |
न्यायाधीश के लिए योग्यता
  • अभ्यर्थी को भारत का नागरिक होना अनिवार्य है
  • न्यायाधीश बनने के लिए अभ्यर्थी को दो या दो से अधिक न्यायालयों में कम से कम पांच वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में कार्य किया हो अथवा किसी उच्च न्यायालय में लगातार दस वर्ष तक अधिवक्ता के रूप में कार्य किया हो
  • किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश या फिर उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को उच्चतम न्यायालय के एक तदर्थ न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जा सकता है
  • न्यायाधीश बननें के लिए आयु 62 वर्ष के अंदर होनी अनिवार्य है
प्रशिक्षण
न्यायाधीश को चयन होने के बाद उनको प्रशिक्षण  प्रदान किया जाता है, जिसमे न्यायालय के परीक्षणों में भाग लेने, कानूनी प्रकाशनों की समीक्षा करने और पूर्ण अभ्यास करनें का अवसर प्रदान किया जाता  है, सफलतापूर्वक प्रशिक्षण के बाद आपको एक न्यायाधीश के रूप में नियुक्त कर दिया जाएगा |
न्यायाधीश के लिए व्यक्तिगत योग्यता
  • एक न्यायाधीश के रूप में आपको तथ्यों का मूल्यांकन करने और सही निर्णय लेने में सक्षम होना चाहिए
  • जज के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि उन्हें कानून के विषय में अच्छी समझ होनी चाहिए, जिससे वह उन नियमों को सही से पालन करवा पाए
  • न्यायाधीश के रूप में आपको सभी पक्षों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिससे आप अच्छी तरह से केश के मूल तत्व में जाकर अच्छा निर्णय दे सके
  • पढ़ना और लेखन क्षमता आप में अच्छी होनी चाहिए क्योकि न्यायाधीशों को तथ्यों का मूल्यांकन करना होता है और उनके बीच अंतर करना होता है, लेखन क्षमता के माध्यम से वह केश से जुड़े सभी तत्वों को स्पष्ट तरीके से लिखते है और फिर सम्पूर्ण केश स्टडी के बाद उसका निष्पक्ष निर्णय देते है
भारत सरकार या राज्य स्तरीय न्यायिक पदों पर चयन
एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आप के पास अधिवक्ता के अतिरिक्त कई विकल्प खुल जाते है, आप एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब आसानी से प्राप्त कर सकते है, अनुभव बढ़ने के बाद आप सरकारी या प्राइवेट विभाग में  लीगल कंसल्टेंट का कार्य कर सकते है |
भारत सरकार और राज्यों में अटॉर्नी जनरल के पद पर कार्य कर सकते है, यह बहुत ही एक्सपर्ट और अनुभवी होते हैं, इसके आलावा आप अध्यापन के क्षेत्र में जाने के लिए एलएलएम और एलएलडी कर सकते है जिसमे की अत्यधिक सम्मान प्राप्त होता है, इसके अतिरिक्त आप भारतीय और मल्टीनेशनल कंपनियों में लीगल एडवाइजर के रूप में कार्य कर सकते है |

Friday, April 12, 2019

NCC कैसे ज्वाइन करे

NCC ज्वाइन करनें के लिए क्या करे  

एनसीसी का पूरा नाम नेशनल कैडेट कोर है, भारत में राष्ट्रीय कैडेट कोर उच्च विद्यालयों, महाविद्यालयों और सम्पूर्ण भारत में विश्वविद्यालयों से कैडेटों का एक स्वैच्छिक संगठन है, जो कॉलेज के अनुशासित और देशभक्त युवाओं को भविष्य के लिए नेतृत्व प्रदान करता है, यह सेना के तीनों अंगों को अपने कुशल प्रशिक्षण से मजबूती प्रदान करते हैं, जो छात्र भारतीय सेना में शामिल होकर देश सेवा को अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए कॉलेज लाइफ में एनसीसी एक बेहतर विकल्प है, आप एनसीसी कैसे ज्वाइन कर सकते है ? इसके बारें में आपको इस पेज विस्तार से बता रहे है |
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ऐसे ज्वाइन करें NCC

एनसीसी (NCC) के माध्यम से स्कूल और कॉलेज के छात्रों को सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए उपयुक्त सैन्य प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है,  वर्तमान समय में जिन कॉलेजों में एनसीसी पाठ्यक्रम उपलब्ध है,  उनमें छात्रों को एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से प्रवेश मिलता होता है, एनसीसी कैडेट बननें के लिए छात्र-छात्राओं को एप्टीट्यूड और फिजिकल टेस्ट से गुजरना होता है,  एन सी सी के अंतर्गत छात्रों को प्रमाण पत्र ए, बी तथा सी प्राप्त होते है |
एनसीसी में छात्रों की इंट्री दो लेवल से होती है, पहला स्कूल लेवल पर, 11वीं और 12वीं में रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है, दूसरा कालेज स्तर पर, इसमें स्नातक पार्ट-1 में एनसीसी ज्वॉइन करना होता है, स्कूल स्तर पर ए सर्टिफिकेट, जबकि कॉलेज लेवल पर बी और सी सर्टिफिकेट प्राप्त होता है |

एन सी सी प्रमाण पत्र से सम्बंधित जानकारी

एन सी सी के अंतर्गत ए प्रमाण पत्र 15 वर्ष से कम आयु के छात्रों के लिए है, ‘बी’ सर्टिफिकेट प्राप्त करनें की अधिकतम अतु   17  वर्ष है, ‘बी’ सर्टिफिकेट प्राप्त करनें के दो वर्ष पश्चात छात्रों को ‘सी’ सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते  है, ए’ सर्टिफिकेट से छात्र बड़ा पद नहीं प्राप्त कर सकते, अधिक से अधिक सीएसएम (कंपनी सार्जेंट मेजर) तक बन  सकते हैं,  जबकि बी सर्टिफिकेट प्राप्त करनें वाले छात्र  जेयूओ और सी सर्टिफिकेट प्राप्त करनें वाले छात्र-छात्राओं को आर्मी, एयरफोर्स, नेवी के अतिरिक्त पैरा मिलिट्री सर्विसेज में प्रिफरेंस मिलती है, सामान्य अभ्यर्थियों की अपेक्षा उन्हें अपर ग्रेड में रखा जाता है, दूसरी ओर, हायर स्टडी के लिए देश के किसी भी यूनिवर्सिटी में सी सर्टिफिकेट पाए छात्रों के प्रवेश में तीन फीसदी अंकों का वेटेज प्राप्त होता है ।
कॉलेज में कैसे पाएं प्रवेश
नेशनल कैडेट कोर के माध्यम से करियर बनानें का विकल्प कॉलेज है,  स्कूल में ए-सर्टिफिकेट की पढ़ाई से उच्च शिक्षा में प्रवेश  आसानी से हो जाता है,  परन्तु इससे नौकरी प्राप्त होनें की संभावना नहीं होती,   स्नातक प्रथम वर्ष में बी-सर्टिफिकेट और द्वितीय वर्ष में प्रवेश प्राप्त करनें के पश्चात सी-सर्टिफिकेट प्राप्त करनें हेतु एनसीसी में सम्मिलित होते हैं, एक वर्ष की ट्रेनिंग के बाद यदि छात्र नें  प्रथम वर्ष में कैम्प में भाग लिया है, तो बी-सर्टिफिकेट के लिए आयोजित होनें वाली परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं, यह परीक्षा एनसीसी यूनिट द्वारा आयोजित की जाती है, यदि आपनें स्नातक के द्वितीय वर्ष में नेशनल इंटिग्रेशन कैम्प में शामिल हुए हैं, तो सी-सर्टिफिकेट के लिए यूनिट की ओर से आयोजित परीक्षा में भाग ले सकते हैं,  यह परीक्षा तीन घंटे की होती है, इसके अतिरिक्त छात्र को प्रेक्टिकल परीक्षा में सम्मिलित होना पड़ता है ।

एन सी सी कोर्स

एनसीसी में सम्मिलित होनें वाले छात्रों  की क्लासेज अलग होती हैं, एक सप्ताह में 40 मिनट अवधि की 6 क्लासेज होती हैं,छात्र को वर्ष  में 120 पीरियड करनें होते हैं, एनसीसी में सम्मिलित होनें  वाले छात्रों को मेडिकल स्तर पर फिट होना अनिवार्य है । एनसीसी में छात्रों को क्लास के दौरान ड्रिल की पढ़ाई करवाई जाती है, इसमें उन्हें सावधान, विश्राम, दायें व बाएं मुड़ जैसे अभ्यास आदि से सम्बंधित जानकारी प्रदान की जाती है,इसके साथ-साथ उन्हें फील्ड क्राफ्ट जैसे- समाज सेवा, मैन मैनेजमेंट, मैप रीडिंग, राइफल खोलना, जोड़ना व उसके कलपुर्जों के बारे में अवगत कराया जाता है, इस तरह की ड्रिल करा कर उनमें नेतृत्व का गुण भी उत्पन्न किया जाता है, दूसरे वर्ष में छात्रों में गंभीरता और उनके अभ्यास में कुशलता आ जाती है |
राष्ट्रीय कैडेट कोर महानिदेशालय
राष्ट्रीय कैडेट कोर का अध्यक्ष महानिदेशक ले. जनरल के रैंक का सैन्य अधिकारी होता है, महानिदेशक की सहायता दो अपर महानिदेशक (एडीजी), एक सेना के मेजर जनरल एवं दूसरा नौसेना के रियर एडमिरल या वायु सेना के उप वायुसेनाध्यक्ष है । महानिदेशक के अधीन तीनों सेनाओं- सेना,नौसेना एवं वायुसेना का स्टाफ़ है, ब्रिगेडियर या समकक्ष रैंक के पांच उप महानिदेशक है ,जिनमें तीन ब्रिगेडियर होते है,जिसमें  एक नौसेना, वायुसेना और एक सिविलियन अधिकारी सम्मिलित होते है ।
ग्रुप को बटालियनों के रूप में उप-विभाजित किया जाता  है, प्रत्येक ग्रुप का संचालन ले0 कर्नल या उसके समकक्ष अधिकारी द्वारा किया जाता है, जिन्हें अन्य दो सेनाओं से लिया जाता है, प्रत्येक बटालियन में अनेक जूनियर कमीशन प्राप्त अ‍फसर (जे सी ओ) एवं गैर कमीशन प्राप्त अफसर (एन सी ओ) हैं, जिन्हें स्थाई अनुदेशक स्टाफ कहा जाता है, वरिष्ठतम जे सी ओ सूबेदार मेजर रैंक के होते हैं ।

Wednesday, April 10, 2019

इनकम टैक्स (Income Tax) ऑफिसर कैसे बने



इनकम टैक्स (Income Tax) ऑफिसर कैसे बने


इनकम टैक्स (Income Tax) ऑफिसर



                            
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भारत सरकार की आय का प्रमुख स्त्रोत इनकम टैक्स या आयकर विभाग है, इसका कार्य सीबीडीटी (CBDT) अर्थात केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा देखा जाता है, प्रत्यक्ष करों के कलेक्शन और प्रोसेसिंग को इनकम टैक्स ऑफिसर्स देखते है, इसमें इनकम टैक्स ऑफिसर्स की  महत्वपूर्ण  भूमिका होती है, हमारे देश में आयकर अधिकारी को अच्छे वेतन के साथ-साथ सम्मान भी अधिक मिलता है, जिसके कारण छात्रों में इस पद को प्राप्त करनें में काफी रूचि देखनें को मिलती है, यह पद छात्रों के करियर के लिए एक बेहतर विकल्प है, यदि आप इनकम टैक्स अधिकारी बनना चाहते है, तो इससे सम्बंधित जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है, इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहें है |
आयकर विभाग में अधिकारी बननें के लिए आवेदक को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करना अनिवार्य ‌है |

आयु मापदंड (Age Limit)

इनकम टैक्स अधिकारी पद के लिए आवेदन करनें के लिए आवेदक की आयु न्यूनतम 21 वर्ष व अधिकतम 27 वर्ष होनी आवश्यक है, आरक्षित वर्ग के आवेदको को आयु में  एससी, एसटी को पांच वर्ष, ओबीसी को तीन वर्ष तथा पीडब्लूडी को दस वर्ष की छूट प्राप्त होती है |

शारीरिक योग्यता‌

पुरुषमहिलाएं
उँचाई  – 157.5 सेमीउँचाई ( height ) – 152 सेमी |
सीना फुलाया हुआ – 81 सेमीवजन ( Weight ) – 48 सेमी |
पैदल चलकर 15 मिनिट मे 1600 मीटर दूरी तय करनापैदल चलकर 20 मिनिट मे 1 Km दूरी |
साइक्लिंग कर के‌ 30 मिनिट मे 8km दूरी तय करनासाइक्लिंग कर के‌ 20 मिनिट मे 3 Km दूरी तय करना |
इनकम टैक्स अधिकारी बननें हेतु परीक्षा 
आयकर विभाग में ‌ अधिकारी बननें के लिए अभ्यर्थी को कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित एसएससी सीजीएल परीक्षा में उत्तीर्ण होना होता है, एसएससी द्वारा परीक्षा का आयोजन वर्ष में एक बार किया जाता है, तथा यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित होती है |
  • प्रारम्भिक परीक्षा  (Preliminary Exam )
  • मुख्य परीक्षा (Main Exam )
  • साक्षात्कार (Interviews)

1.प्रारम्भिक परीक्षा 

प्रारम्भिक परीक्षा आयकर अधिकारी बननें के लिए पहला चरण होता है,  आवेदन करनें के पश्चात आवेदको को इस परीक्षा में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त होता है, प्रारम्भिक परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होते है, पहले प्रश्न पत्र में सामान्य जागरूकता और सामान्य बुद्धिमत्ता से तथा दूसरे प्रश्न पत्र में अंकगणित से सम्बंधित प्रश्न पूछें जाते है |

प्रारम्भिक परीक्षा  पैटर्न   

विषयप्रश्न स० अंकसमय
जनरल इंटेलिजेंस और  जनरल अवेयरनेस1001002 घंटे
अंकगणित1001002 घंटे

2.मुख्य परीक्षा

प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में सम्मिलित होते है, इस परीक्षा में सामान्य अध्यन, भाषा, संचार कौशल और लेखन से सम्बंधित प्रश्न पूछें जाते है |

मुख्य परीक्षा पैटर्न    

विषयअंकसमय
सामान्य अध्ययन2003 घंटे
इंग्लिश1002 घंटे 20 मिनट
अंकगणित2004 घंटे
भाषा1002 घंटे 40 मिनट
संचार कौशल और लेखन2002 घंटे 20 मिनट


3.साक्षात्कार (Interview)

मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हेतु बुलाया जाता है, साक्षात्कार में व्यक्तित्व परीक्षण के दौरान मूल्यांकन गुणों में से कुछ मानसिक सतर्कता, स्पष्ट और तार्किक प्रदर्शनी, आत्मविश्वास , विविधता, शक्तियों, न्याय के संतुलन,बौद्धिक स्तर का आकलन किया जाता है, साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थी के मानसिक गुणों को प्रकट करनें का तरीका,उद्देश्य तथा बातचीत पर विशेष महत्व दिया जाता है,  अन्त में एक मेरिट सूची बनाई जाती है, जिसमें  सभी अभ्यर्थियों को उनके प्रदर्शन के अनुसार रैंक प्रदान की जाती है, जिन आवेदको का नाम मेरिट में सम्मिलित किया जाता है, उन्हें आयकर अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाता है ।

इनकम टैक्स अधिकारी का वेतन (Salary)

इनकम टैक्स अधिकारी को मासिक वेतन के रूप में 9,300 से 34,600 रुपए तक प्राप्त होती हैं, इसके अतिरिक्त उन्हें वाहन, कर्मचारी, निवास हेतु भवन आदि सुविधाए सरकार द्वारा प्रदान की जाती है |

आवेदन फार्म (Application Form)

इनकम टैक्स अधिकारी बननें हेतु परीक्षा की अधिसूचना प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में जारी की जाती है, यह अधिसूचना रोजगार समाचार पत्र, इन्टरनेट और अन्य प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाती है, जिसमें आवेदन सम्बन्धी सभी जानकारियां दी जाती है |


Monday, April 8, 2019

PCS क्या है ? कैसे बने



PCS क्या है (What is PCS)


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पीसीएस (PCS) का पूरा नाम प्रोविंशियल सिविल सर्विस है, इस परीक्षा का आयोजन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा किया जाता है, इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करनें के पश्चात, अभ्यर्थी को एसडीएम, डीएसपी, एआरटीओ, बीडीओ, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, असिस्टेंट कमिश्नर व्यापार कर समेत विभिन्न विभागों में उच्च पदों पर नियुक्ति प्राप्त होती है |


वर्तमान युग प्रतिस्पर्धा युग है, और इस प्रतिस्पर्धा युग में सफलता प्राप्त करनें के लिए, अभ्यर्थी को प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित होनें से पूर्व, परीक्षा से सम्बंधित पाठ्यक्रम, पैटर्न के बारें में जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है, यदि आप एक पीसीएस अधिकारी बनना चाहते है, तो इसके बारें में आपको इस पेज पर विस्तार से बता रहें है |
पीसीएस (PCS) अधिकारी बननें हेतु शैक्षिक योग्यता
इस परीक्षा में सम्मिलित होनें के लिए अभ्यर्थी को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से सनातक की डिग्री होना आवश्यक है |

आयु मापदंड (Age Limit)

पीसीएस परीक्षा में सम्मिलित होनें वाले अभ्यर्थी की आयु 21 वर्ष से 40 वर्ष के मध्य होना आवश्यक है, तथा आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियमनुसार छूट प्रदान की जाएगी |

शारीरिक मापदंड (Physical Measurement)

राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा पी.सी.एस. परीक्षा में कुछ विशेष पदों (पुलिस उपाधीक्षक, अधीक्षक कारागार इत्यादि) के लिये शारीरिक मापदंड (सामान्यत: 165-167 सेमी.की लम्बाई ) तथा कुछ विशेष पदों, जैसे सांख्यिकीय अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, लेखाधिकारी इत्यादि के लिये विशेष शैक्षणिक योग्यता का निर्धारण किया गया है ।

पीसीएस परीक्षा का सिलेबस (Syllabus)

यूपीपीसीएस (UPPSC) परीक्षा में तीन चरणों में होती हैं-
(1) प्रारंभिक परीक्षा
(2) मुख्य परीक्षा

1.प्रारंभिक परीक्षा

पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा पाठ्यक्रम में संशोधन किया गया है, अभी तक सामान्य अध्ययन के 200-200 अंकों के दो पेपर होते थे, अब 200-200 नंबर के 4 पेपर आएंगे, अर्थात सामान्य अध्ययन 800 अंको का होगा, हिंदी व निबंध के प्रश्न पत्र में किसी प्रकार का संशोधन नहीं किया गया है, पूर्व की भांति 150-150 नंबर का रहेगा | वैकल्पिक विषयों के अंतर्गत अभी तक दोनों विषयों के 200-200 अंक के दो-दो प्रश्नपत्र होते थे, संशोधन के उपरांत, अब एक ही वैकल्पिक विषय होगा, वैकल्पिक विषय के 200-200 अंको के दो ही प्रश्नपत्र रह जाएंगे, वैकल्पिक विषयों में चिकित्सा विज्ञान को सम्मिलित किया गया है ।


प्रश्न पत्र-1 : सामान्य अध्ययन परीक्षा पाठ्यक्रम (GS Syllabus)

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएं

इस परीक्षा में सम्मिलित होनें वाले अभ्यर्थियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाओं के बारें  में अच्छी जानकारी होना आवश्यक है, पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों में केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के घटनाक्रमों के बारे में अधिकांशतः पूछा जाता है, इसके अतिरिक्त अभ्यर्थियों को पिछले 2-3 महीनों की घटनाओं जैसे महत्वपूर्ण तिथियों, पुरस्कारों, खेलों, पुस्तकों और लेखकों के बारे में जानकारी रखना आवश्यक है, घटनाओं से सम्बंधित पूर्ण विवरण जैसे तारीख, स्थान, नाम आदि पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है ।

i).प्राचीन भारत

भारत की विभिन्न सभ्यताओं और प्राचीन भारत के कालखंड विभाजन एवं भारत के इतिहास के क्रमिक विकास के बारे में उपयुक्त जानकारी होना आवश्यक है, इसके साथ- साथ भारतीय समाज में विभाजन और उसके आम लोगों के जीवन पर प्रभाव के बारे में भी समुचित जानकारी होनी चाहिए ।

ii).मध्यकालीन भारत   

मध्यकालीन भारत के अंतर्गत, अभ्यर्थियों को त्रिपक्षीय संघर्ष से सम्बंधित, जैसे भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के राज्य की स्थापना, दिल्ली सल्तनत और मुगल काल, भारत में ‍विभिन्न स्थापत्य और सांस्कृतिक विकास से सम्बंधित जानकारी ।

iii).भारतीय धार्मिक आंदोलन 

भक्ति और धार्मिक आंदोलनों ने स्थापित धर्मों हिंदू और इस्लाम के अंतर्गत नए संप्रदायों को जन्म हुआ और समाज को प्रभावित किया, भारत में ऐसे आंदोलनों के जनकों की शिक्षाओं और दर्शन से सम्बंधित पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है |

iv).आधुनिक भारत 

इसके अर्न्तगत मुगल साम्राज्य के पतन और भारत में यूरोपीय शक्तियों के उदय के बारे में, भारत में औपनिवेशिक शासन के दौरान अपनाए गए विभिन्न भूमि सुधारों का अध्ययन से सम्बंधित जानकारी रखना आवश्यक है ।

v).भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन 

1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के अंतर्गत प्रमुख व्यक्तियों की भूमिका के बारें में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन, राष्ट्रीय अंदोलन की प्रकृति और चरित्र, राष्ट्रवाद के उभार और स्वतंत्रता प्राप्ति के बारे में सामान्य जानकारी होना आवश्यक है ।
भारत और विश्व भूगोल- भारत और विश्व का भौतिक, सामाजिक,आर्थिक भूगोल

i).विश्व भूगोल 

विश्व भूगोल के अंतर्गत अभ्यर्थियों को विश्व के सबसे विशाल, सबसे ऊंचे, सबसे लंबे, सबसे गहरे पर्वतों, नदियों, जल प्रपातों, सागरों और विश्व की अन्य भौतिक विशेषताओं की जानकारी होना आवश्यक है ।

ii).भारतीय भूगोल 

भारतीय भूगोल के अंतर्गत भारतीय जलवायु, नदियों, पहाड़ों, भूमि, मैदानों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, भारतीय भूगोल के प्रश्न, भारत के भौतिक, सामाजिक और आर्थिक भूगोल से संबंधित होंगे ।

iii).भारतीय राजव्यवस्था और प्रशासन-संविधान

भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित प्रश्नों में देश की राजनीतिक व्यवस्था के साथ ही पंचायती राज और सामुदायिक विकास एवं भारतीय राजनीति के व्यापक परिदृश्य से संबंधित प्रश्न पूछें जाते है, इसके साथ-साथ  केंद्र और राज्य सरकारों के मध्य शक्तियों का विभाजन, कार्यपालिका और न्यायपालिका की भूमिका, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के मध्य शक्तियों का विभाजन और राज्यों के राज्यपालों की नियुक्तियां एवं शर्तों से संबंधित प्रश्न पूछें जाते है |

प्रश्न पत्र- 2 : सामान्य अध्ययन-2

  •  सामान्य समझ (कम्प्रीहेंशन)
  • संचार कौशल और अन्तरवैयक्तिक कौशल
  • तर्कशक्ति और विश्लेषण क्षमता
  • निर्णय क्षमता और समस्या हल
  • सामान्य मानसिक योग्यता
  • दसवीं कक्षा के स्तर तक की प्रारंभिक गणित-अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति और सांख्यिकी

अंकगणित

इसके अंतर्गत प्राकृतिक संख्याएं,पूर्णांक,परिमेय और अपरिमेय संख्याएं,वास्तविक संख्याएं,पूर्णांक का भाजक,अभाज्य पूर्णांक, पूर्णाकों के ल.स.प. और म.स.प. और उनमें अंर्तसंबंध, औसत, अनुपात और समानुपात,  प्रतिशत,  लाभ और हानि, साधारण और चकृवृद्धि ब्याज,  कार्य औप समय,  चाल,समय और दूरी |

बीजगणित

बहुपद के गुणनखंड, ल.स.प. और म.स.प. और उनका अंर्तसंबंध,शेषफल प्रमेय, द्विघात समीकरण, उपसमुच्चय, किसी समुच्चय का सह समुच्चय,क्रियाएं आदि |

ज्यामिति

त्रिभुज, आयत, वर्ग, असमांतर त्रिभुज से संबंधित प्रमेय और वृत्तकी परिधि और उनका क्षेत्रफल, गोले,घन,लम्बवृत्तीय बेलन,शंकु का क्षेत्रफल और क्षेत्र माप से सम्बंधित प्रश्न |

सांख्यिकी

डाटा संग्रहण, डाटा का वर्गीकरण,आवृत्ति, वितरण की आवृत्ति,सारणीकरण,संचयी आवृत्ति, डाटा का प्रदर्शन-बार आरेख,पाई चार्ट,हिस्टोग्राम, बहुभुज आवृत्ति,संचयी आवृत्ति वक्र, समांतर माध्य,माध्यिका,चलन आदि |

दसवीं स्तर तक की सामान्य अंग्रेजी

  • तर्कशक्ति
  • कृर्तवाच्य और कर्मवाच्य
  •  वाक्य विन्यास
  • वाक्य रूपान्तरण
  • प्रत्यक्ष कथन और अप्रत्यक्ष कथन
  • विराम चिह्न और वर्तनी
  • शब्द-अर्थ
  • शब्दकोश और उसका उपयोग
  • मुहावरे और वाक्यांश
  • रिक्त स्थान
2.मुख्य परीक्षा
मुख्य परीक्षा संशोधन के उपरांत निम्न परीक्षा पैटर्न के आधार पर परीक्षाओं का आयोजन किया जायेगा |
हिंदी150 अंक
निबंध150 अंक
सामान्य अध्ययन 1200 अंक
सामान्य अध्ययन 2200 अंक
सामान्य अध्ययन 3200 अंक
सामान्य अध्ययन 4200 अंक
वैकल्पिक विषय पेपर 1200 अंक
वैकल्पिक विषय पेपर 2200 अंक
3.साक्षात्कार
लोकसेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा में साक्षात्कार के 200 अंक के स्थान पर 100 अंक का कर दिया गया है,साक्षात्कार में किसी विषय पर आपके विचार, विपरीत स्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता और नेतृत्व क्षमता का परीक्षण किया जाता है, आपको वर्तमान में घटित होनें वाली घटनाओ से सम्बंधित जानकारी होनी चाहिए और दिमाग में यह स्पष्ट होना चाहिए कि वे इस सर्विस में क्यों आना चाहते हैं, साक्षात्कार में अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व का परीक्षण होता है, जिसमें आपके बायोडाटा और सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के दौरान आत्म-विश्वास बनाए रखना चाहिए और प्रश्नों का सीधा उत्तर देना चाहिए ।

पीसीएस अधिकारी का वेतन (Salary of PCS Officer)

पीसीएस अधिकारी को वेतन के रूप में 15600 से 67000 रूपए प्राप्त होते है, इसके अतिरिक्त निवास हेतु सरकारी भवन, वाहन तथा आवश्यकतानुसार कर्मचारी प्राप्त होते है |

कृषि वैज्ञानिक (Agricultural Scientist) कैसे बने ?

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