Friday, April 19, 2019

कॉलेज में लेक्चरर (Lecturer) कैसे बने ?


कॉलेज में लेक्चरर (Lecturer) कैसे बने


कॉलेज में लेक्चरर बननें के लिए क्या करे  

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एक शिक्षक ही देश का भविष्य निर्माण करता है, इसलिए भारत में शिक्षक का पद बहुत ही सम्मानजनक माना जाता है, एक अच्छा शिक्षक बनने के लिए व्यक्ति के अंदर व्यक्तिगत गुण होने चाहिए, इन व्यक्तिगत गुण को अच्छे प्रशिक्षण के द्वारा विकसित किया जाता है, भारत सरकार शिक्षा व्यवस्था में बेसिक स्तर से कॉलेज स्तर तक बदलाव कर रही है, इसी परिवर्तन के द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का पुनर्गठन किया जा रहा है , इस पेज पर आपको कॉलेज में लेक्चरर बनने के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की जा रही है |
प्रमोशन के अवसर
कॉलेज प्रोफेसर एक प्रोन्नति प्राप्त करने वाला पद है, इस पद पर सीधे चयन नहीं किया जा सकता है, इसके लिए आपके पास पीएचडी डिग्री तथा आवश्यक अनुभव होना अनिवार्य है, यदि आप प्रोफेशर बनाना चाहते है, तो आपको इस क्षेत्र में लेक्चरार के रूप में अपने करियर की शुरुआत करनी होती है, इसके पश्चात आपका प्रोमोशन अनुभव, प्रदर्शन और वरिष्ठता के आधार पर आपको पहले असिस्टेंट प्रोफेसर और बाद में प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति प्रदान की जाती है |

कॉलेज प्रोफेसर

1 .शैक्षिक योग्यता

पीएचडी डिग्री तथा प्रतिष्ठित जर्नलों में शोध पत्रों का प्रकाशन |

2 .वेतन

एक कॉलेज प्रोफेसर के रूप में 37,400- 67,000 रुपये प्राप्त होता है |

कार्य अनुभव

किसी कॉलेज/ यूनिवर्सिटी में न्यूनतम 10 वर्ष तक पढ़ाने का अनुभव |

असिस्टेंट प्रोफेसर

1 .शैक्षिक योग्यता 

पीएचडी डिग्री तथा 55 प्रतिशत अंकों सहित परस्नातक उत्तीर्ण |

2 .वेतन 

असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में 15,600- 39,100 ग्रेड पे प्राप्त होता है |

कार्य अनुभव 

कॉलेज/ यूनिवर्सिटी स्तर पर न्यूनतम 8 वर्ष का शिक्षण अनुभव या रिसर्च का अनुभव |

लेक्चरार/ जूनियर फैलो रिसर्चर

शैक्षिक योग्यता 

लेक्चरार/ जूनियर फैलो रिसर्चर बनने के लिए यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है |

कॉलेज टीचर बनने का मार्ग

यदि आप कॉलेज टीचर बनना चाहते है, तो आपको 12वीं की परीक्षा के समय ही निर्णय लेना चाहिए, जिससे आप इस दिशा में सही तैयारी कर सके |

स्कूल स्तर पर

कॉलेज में जो भी विषय के आप प्रोफ़ेसर बनना चाहते हो, उसी के अनुरूप आपको इंटरमीडिएट में विषय का चुनाव करना चाहिए, उस विषय के बेसिक कंसेप्ट क्लियर करने का अधिक से अधिक प्रयास करे, जिससे स्नातक में आपको लाभ मिलेगा |

स्नातक स्तर पर

स्नातक में आपको वही विषय लेने चाहिए, जो विषय आपके इंटरमीडिएट में पहले से हो, जिससे आपको विषय की गहन जानकारी हो जाएगी और परास्नातक में आपको बहुत ही लाभ होगा, उन विषयों पर पकड़ आपकी इंटरमीडिएट से ही होने के कारण आपको स्नातक में अच्छे अंक प्राप्त होंगे, यह अंक आपको कॉलेज प्रोफेसर के रूप में स्क्रीनिंग प्रोसेस में अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे |

परास्नातक स्तर पर

परास्नातक में आपको उसी विषय का चयन करना चाहिए जिस विषय पर आपकी पकड़ सबसे अच्छी हो, क्योंकि यूजीसी नेट परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए आपको परास्नातक में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है, अतः आपका लक्ष्य आपको इससे अधिक अंक प्राप्त करने का होना चाहिए  |

परास्नातक के बाद

परास्नातक उत्तीर्ण करनें  के बाद आपको यूजीसी नेट परीक्षा की तैयारी आरम्भ कर देनी चाहिए, इसके साथ ही आप एमफिल अथवा पीएचडी डिग्री के लिए अपने विषय में रिसर्च करने के लिए आवेदन कर दे, यहाँ पर इस बात का ध्यान रखना होगा की कॉलेज टीचर के रूप में चयनित होने के लिए यूजीसी नेट क्लियर करना अनिवार्य है, परन्तु आप अपने विषय में डॉक्टरेट होना भी अत्यंत लाभदायक होता है, यदि आपका लेक्चरार या असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में चयन हो जाता है, तो आपको प्रोफेसर पद पर प्रमोशन प्राप्त करने के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य है, इसलिए आपको नेट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद  पीएचडी डिग्री करना अति आवश्यक है |
 यूजीसी नेट परीक्षा
यूजीसी नेट का अर्थ है विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट | इस परीक्षा का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है, इस परीक्षा को सफलता पूर्वक उत्तीर्ण करने के बाद सरकारी कॉलेजों में नियुक्ति के लिए यूजीसी के द्वारा स्क्रीनिंग की जाती है, इस परीक्षा का आयोजन वर्ष में दो बार जून तथा दिसंबर में किया जाता है, इसके माध्यम से लेक्चरारशिप तथा जूनियर रिसर्च फैलोशिप हेतु अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग की जाती है |

यूजीसी नेट की योग्यता

यूजीसी नेट की योग्यता इस प्रकार है |

शैक्षिक योग्यता

सामान्य वर्ग तथा ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ परास्नातक परीक्षा उत्तीर्ण तथा एससी/ एसटी अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक होने अनिवार्य है |

आयु

लेक्चरार पद के लिए कोई आयु निर्धारित नहीं की गयी है, परन्तु जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए अभ्यर्थी के लिए आयु 21 से 28 वर्ष के बीच में होनी चाहिए, एससी/ एसटी/ ओबीसी अभ्यर्थियों को आरक्षण के नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है 

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