NCC ज्वाइन करनें के लिए क्या करे
एनसीसी का पूरा नाम नेशनल कैडेट कोर है, भारत में राष्ट्रीय कैडेट कोर उच्च विद्यालयों, महाविद्यालयों और सम्पूर्ण भारत में विश्वविद्यालयों से कैडेटों का एक स्वैच्छिक संगठन है, जो कॉलेज के अनुशासित और देशभक्त युवाओं को भविष्य के लिए नेतृत्व प्रदान करता है, यह सेना के तीनों अंगों को अपने कुशल प्रशिक्षण से मजबूती प्रदान करते हैं, जो छात्र भारतीय सेना में शामिल होकर देश सेवा को अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए कॉलेज लाइफ में एनसीसी एक बेहतर विकल्प है, आप एनसीसी कैसे ज्वाइन कर सकते है ? इसके बारें में आपको इस पेज विस्तार से बता रहे है |
ऐसे ज्वाइन करें NCC
एनसीसी (NCC) के माध्यम से स्कूल और कॉलेज के छात्रों को सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए उपयुक्त सैन्य प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, वर्तमान समय में जिन कॉलेजों में एनसीसी पाठ्यक्रम उपलब्ध है, उनमें छात्रों को एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से प्रवेश मिलता होता है, एनसीसी कैडेट बननें के लिए छात्र-छात्राओं को एप्टीट्यूड और फिजिकल टेस्ट से गुजरना होता है, एन सी सी के अंतर्गत छात्रों को प्रमाण पत्र ए, बी तथा सी प्राप्त होते है |
एनसीसी में छात्रों की इंट्री दो लेवल से होती है, पहला स्कूल लेवल पर, 11वीं और 12वीं में रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है, दूसरा कालेज स्तर पर, इसमें स्नातक पार्ट-1 में एनसीसी ज्वॉइन करना होता है, स्कूल स्तर पर ए सर्टिफिकेट, जबकि कॉलेज लेवल पर बी और सी सर्टिफिकेट प्राप्त होता है |
एन सी सी प्रमाण पत्र से सम्बंधित जानकारी
एन सी सी के अंतर्गत ए प्रमाण पत्र 15 वर्ष से कम आयु के छात्रों के लिए है, ‘बी’ सर्टिफिकेट प्राप्त करनें की अधिकतम अतु 17 वर्ष है, ‘बी’ सर्टिफिकेट प्राप्त करनें के दो वर्ष पश्चात छात्रों को ‘सी’ सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते है, ए’ सर्टिफिकेट से छात्र बड़ा पद नहीं प्राप्त कर सकते, अधिक से अधिक सीएसएम (कंपनी सार्जेंट मेजर) तक बन सकते हैं, जबकि बी सर्टिफिकेट प्राप्त करनें वाले छात्र जेयूओ और सी सर्टिफिकेट प्राप्त करनें वाले छात्र-छात्राओं को आर्मी, एयरफोर्स, नेवी के अतिरिक्त पैरा मिलिट्री सर्विसेज में प्रिफरेंस मिलती है, सामान्य अभ्यर्थियों की अपेक्षा उन्हें अपर ग्रेड में रखा जाता है, दूसरी ओर, हायर स्टडी के लिए देश के किसी भी यूनिवर्सिटी में सी सर्टिफिकेट पाए छात्रों के प्रवेश में तीन फीसदी अंकों का वेटेज प्राप्त होता है ।
कॉलेज में कैसे पाएं प्रवेश
नेशनल कैडेट कोर के माध्यम से करियर बनानें का विकल्प कॉलेज है, स्कूल में ए-सर्टिफिकेट की पढ़ाई से उच्च शिक्षा में प्रवेश आसानी से हो जाता है, परन्तु इससे नौकरी प्राप्त होनें की संभावना नहीं होती, स्नातक प्रथम वर्ष में बी-सर्टिफिकेट और द्वितीय वर्ष में प्रवेश प्राप्त करनें के पश्चात सी-सर्टिफिकेट प्राप्त करनें हेतु एनसीसी में सम्मिलित होते हैं, एक वर्ष की ट्रेनिंग के बाद यदि छात्र नें प्रथम वर्ष में कैम्प में भाग लिया है, तो बी-सर्टिफिकेट के लिए आयोजित होनें वाली परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं, यह परीक्षा एनसीसी यूनिट द्वारा आयोजित की जाती है, यदि आपनें स्नातक के द्वितीय वर्ष में नेशनल इंटिग्रेशन कैम्प में शामिल हुए हैं, तो सी-सर्टिफिकेट के लिए यूनिट की ओर से आयोजित परीक्षा में भाग ले सकते हैं, यह परीक्षा तीन घंटे की होती है, इसके अतिरिक्त छात्र को प्रेक्टिकल परीक्षा में सम्मिलित होना पड़ता है ।
एन सी सी कोर्स
एनसीसी में सम्मिलित होनें वाले छात्रों की क्लासेज अलग होती हैं, एक सप्ताह में 40 मिनट अवधि की 6 क्लासेज होती हैं,छात्र को वर्ष में 120 पीरियड करनें होते हैं, एनसीसी में सम्मिलित होनें वाले छात्रों को मेडिकल स्तर पर फिट होना अनिवार्य है । एनसीसी में छात्रों को क्लास के दौरान ड्रिल की पढ़ाई करवाई जाती है, इसमें उन्हें सावधान, विश्राम, दायें व बाएं मुड़ जैसे अभ्यास आदि से सम्बंधित जानकारी प्रदान की जाती है,इसके साथ-साथ उन्हें फील्ड क्राफ्ट जैसे- समाज सेवा, मैन मैनेजमेंट, मैप रीडिंग, राइफल खोलना, जोड़ना व उसके कलपुर्जों के बारे में अवगत कराया जाता है, इस तरह की ड्रिल करा कर उनमें नेतृत्व का गुण भी उत्पन्न किया जाता है, दूसरे वर्ष में छात्रों में गंभीरता और उनके अभ्यास में कुशलता आ जाती है |
राष्ट्रीय कैडेट कोर महानिदेशालय
राष्ट्रीय कैडेट कोर का अध्यक्ष महानिदेशक ले. जनरल के रैंक का सैन्य अधिकारी होता है, महानिदेशक की सहायता दो अपर महानिदेशक (एडीजी), एक सेना के मेजर जनरल एवं दूसरा नौसेना के रियर एडमिरल या वायु सेना के उप वायुसेनाध्यक्ष है । महानिदेशक के अधीन तीनों सेनाओं- सेना,नौसेना एवं वायुसेना का स्टाफ़ है, ब्रिगेडियर या समकक्ष रैंक के पांच उप महानिदेशक है ,जिनमें तीन ब्रिगेडियर होते है,जिसमें एक नौसेना, वायुसेना और एक सिविलियन अधिकारी सम्मिलित होते है ।
ग्रुप को बटालियनों के रूप में उप-विभाजित किया जाता है, प्रत्येक ग्रुप का संचालन ले0 कर्नल या उसके समकक्ष अधिकारी द्वारा किया जाता है, जिन्हें अन्य दो सेनाओं से लिया जाता है, प्रत्येक बटालियन में अनेक जूनियर कमीशन प्राप्त अफसर (जे सी ओ) एवं गैर कमीशन प्राप्त अफसर (एन सी ओ) हैं, जिन्हें स्थाई अनुदेशक स्टाफ कहा जाता है, वरिष्ठतम जे सी ओ सूबेदार मेजर रैंक के होते हैं ।
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